FISH FARMING NEWS: पिछले कुछ सालों में बकरी पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन जैसे कामों में लोगों की रुचि बढ़ी है
Fish Farming news: कोरोना वायरस और लॉकडाउन के दौरान शहरों में नौकरी गंवा चुके कई युवा अपना बिजनेस कर रहे हैं, आजकल के टाइम पर नौकरी से बेहतर खुद के बिजनेस करने को ही माना जाता है, अधिकतर लोग छोटा ही सही लेकिन अपना काम करना चाहते हैं, पिछले कुछ सालों में बकरी पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन जैसे कामों में लोगों की रुचि बढ़ी है|
सरकार की वेबसाइट पर करें जानकारी
मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर कई सारे युवा आज इस काम को कर रहे हैं. इस काम से उन्हें अच्छी खासी आमदनी भी हो जाती है. अगर आप भी मछली पालन करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी योजनाएं चला रही हैं जिसकी मदद से आप कम से कम पैसे में इसकी शुरुआत कर सकते हैं. कम पानी और कम खर्च में अधिक से अधिक मछली उत्पादन करने के तरीकों के बारे में भी सरकार से आप जानकारी हासिल कर सकते हैं.
इसके लिए आपको सरकार की वेबसाइट https://pmmsy.dof.gov.in/ पर जाना होगा.
सरकार करती है मछली पालन के लिए लोगों की मदद
केंद्र सरकार मछली पालने के लिए कुल लागत का 75 फीसदी तक लोन मुहैया कराती है. मछली पालन का काम ठहरे हुए पानी और बहते हुए पानी, दोनों तरह से किया जा सकता है.
बहते हुए पानी में मछली पालन को ‘रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम’ (आरएएस) कहा जाता है. इस तरह का पहाड़ों पर किसी झरने के किनारे किया जाता है. ठहरे हुए पानी में मछली पालन का काम मैदानी इलाकों में किया जाता है|
मछली पालन है फायदे का सौदा
रोहू, सिल्वर, ग्रास, भाकुर व नैना जैसे मछलियों का पालन आप आसानी से कर सकते हैं. इन मछलियों को 200 से 400 रुपये किलो तक बेचा जा सकता है. तालाब में मछली बीज डालने के 25 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है.
मछली के बीज किसी भी हैचरी से खरीदे जा सकते हैं. दिल्ली, सहारनपुर, हरिद्वार, आगरा में मछली हैचरी हैं जहां से बीज हासिल किया जा सकता है.
हर जिले में मछली पालन विभाग होता है, जो मछली पालकों को हर तरह की मदद मुहैया करता है. नया काम शुरू करने वालों को मछली पालन की ट्रेनिंग भी दी जाती है|
मछली पालन आज के समय में एक अच्छा व्यवसाय है यदि आप इसके बारे में थोड़ा बहुत जानते हैं तो आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं, मछली पालन के लिए आपको मछलियों की अच्छी किस्म का चुनाव करना होगा|